अर्जुन शर्मा अब मैने एक निर्णय लिया है कि अपने पढऩे लिखने के कमरे व दफ्तर में आस्टेलियाई मूल के हैकर से पत्रकारिता का प्रतिमान बन गए जूलियन असांजे का चित्र अपने गुरुओं के चित्रों की बगल में लगाऊंगा। आज जहां दुनिया भर का मीडिया कूड़ा करकट परोस कर हमारे जीने की आजादी में सेंध लगाने के लिए एक दूसरे से आगे निकलने के लिए छटपटाता दिख रहा है, ऐसे में कोई जूलियन असांजे हमारे सामने पत्रकारिता का नया प्रतिमान स्थापित कर रहा है.
हमारे देश में पत्रकारिता के नाम पर वीर बरखा हो रही है यानि वीर सांघविओं और बरखा दत्तों की चांदी है वहीं दूर देश में विचर रहा वो संत कुछ ही दिनों में वो कुछ कर दिखाने वाला है जिसे कर पाने का साहस हमारे इमानदार प्रधानमंत्री में भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद कि जब विदेशों में नम्बर दो का पैसा रखने वाले लोगों की सूचि सरकार के पास पहुंच चुकी है तो सरकार इसे सार्वजनिक करने में क्यों विफल हो रही है। सरकार के इस कार्यकाल में लगता है मनमोहन सिंह को कांग्रेसियों व उनके ठगबंधन प्रबंधकों की गंदगी को साफ करने के बजाए उनको पर्दानशीं करने का काम सौंपा गया है।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जो शायद आज की तारीख में सुपारी लेकर आदमी को टपकाने वालों के सबसे बड़े निशाने पर होगा क्योंकि दुनिया भर में बैठे सफेदपोश अपना चेहरा बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं,इसका अंदा•ाा लगाने के लिए किसी खुफिया रिपोर्ट को पुष्टि का आधार बनाने की जरूरत नहीं है। ईश्वर उनको सभी बलाओं से बचाए।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जिसने बड़े मीडिया घरानों को चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी अवस्था में ला खड़ा किया है। जो देश के लोगों की गहन समस्याओं पर विचार करने के स्थान पर पेड न्यूज से प्राप्त होने वाले धन को अपनी पुश्तों की कब्रें बनाने के लिए इक्टठा करने में जुटे हुए हैं। जिन्होंने चुनाव का दौर बीत जाने के बावजूद पत्रकारों को नेताओं की हैसियत के हिसाब से ठेके दे रखे हैं। जिन्होंने पत्रकारिता को देश निकाला दे दिया है। जिन्होंने आचार व्यवहार व संस्कार बेच खाए हैं। जो घराने बाजार में कंपनियों का भाव व हस्ती बढ़ाने के बदले करोड़ों के शेयर मुफ्त में लेकर अपना विस्तार करने में जुटे हुए हैं।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जो अपनी वैबसाईट विकीलीक्स के माध्यम से उन भारतीय पात्रों का असली चेहरा दिखाएगा जिन्होंने समाज सेवा के नाम पर विदेशी बैंकों में काला धन गले गले तक भर दिया है। उस असंाजे को सलाम करता हूं जिसकी एक हुंकार के बाद काला धन जमा करने वालों को दस्त लगवा दिए हैं व सारा देश एक नए बदलाव की आशा रखने लगा है।
मुझे विश्वास है कि विदेशी बैंकों में पड़े काले धन के खुलासों के बाद देश में जबरदस्त सियासी भूकंप आएगा जो देश को नई दिशा की तरफ ले जाने वाला साबित होगा। पिछले दिनों एक मेल प्रचुर संख्या में वितरित हुई जिसमें ये गणना थी कि यदि देश के भ्रष्ट नेताओं,अफ्सरों व उद्योगपतियों का विदेशी बैंकों में जमा काला धन देश में आ जाए तो तीस साल तक बिना किसी टेक्स के देश को चलाया जा सकता है। एक भी आदमी बेघर नहीं रहेगा। मैडीकल,शिक्षा सभी को मुफ्त में दी जा सकेगी। वो मेल संदेश एक सपने जैसा था। जूलियन असांजे द्वारा किया जाने वाला पर्दाफाश चाहे इस सपने को सच न भी कर सके पर देश को लूटने वाले चेहरे बेनकाब जरूर होंगे जिसका हमें बड़ी बेसब्री से इंतजार रहेगा।
हमारे देश में पत्रकारिता के नाम पर वीर बरखा हो रही है यानि वीर सांघविओं और बरखा दत्तों की चांदी है वहीं दूर देश में विचर रहा वो संत कुछ ही दिनों में वो कुछ कर दिखाने वाला है जिसे कर पाने का साहस हमारे इमानदार प्रधानमंत्री में भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार के बाद कि जब विदेशों में नम्बर दो का पैसा रखने वाले लोगों की सूचि सरकार के पास पहुंच चुकी है तो सरकार इसे सार्वजनिक करने में क्यों विफल हो रही है। सरकार के इस कार्यकाल में लगता है मनमोहन सिंह को कांग्रेसियों व उनके ठगबंधन प्रबंधकों की गंदगी को साफ करने के बजाए उनको पर्दानशीं करने का काम सौंपा गया है।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जो शायद आज की तारीख में सुपारी लेकर आदमी को टपकाने वालों के सबसे बड़े निशाने पर होगा क्योंकि दुनिया भर में बैठे सफेदपोश अपना चेहरा बचाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं,इसका अंदा•ाा लगाने के लिए किसी खुफिया रिपोर्ट को पुष्टि का आधार बनाने की जरूरत नहीं है। ईश्वर उनको सभी बलाओं से बचाए।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जिसने बड़े मीडिया घरानों को चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी अवस्था में ला खड़ा किया है। जो देश के लोगों की गहन समस्याओं पर विचार करने के स्थान पर पेड न्यूज से प्राप्त होने वाले धन को अपनी पुश्तों की कब्रें बनाने के लिए इक्टठा करने में जुटे हुए हैं। जिन्होंने चुनाव का दौर बीत जाने के बावजूद पत्रकारों को नेताओं की हैसियत के हिसाब से ठेके दे रखे हैं। जिन्होंने पत्रकारिता को देश निकाला दे दिया है। जिन्होंने आचार व्यवहार व संस्कार बेच खाए हैं। जो घराने बाजार में कंपनियों का भाव व हस्ती बढ़ाने के बदले करोड़ों के शेयर मुफ्त में लेकर अपना विस्तार करने में जुटे हुए हैं।
आज का सलाम उस जूलियन असांजे को जो अपनी वैबसाईट विकीलीक्स के माध्यम से उन भारतीय पात्रों का असली चेहरा दिखाएगा जिन्होंने समाज सेवा के नाम पर विदेशी बैंकों में काला धन गले गले तक भर दिया है। उस असंाजे को सलाम करता हूं जिसकी एक हुंकार के बाद काला धन जमा करने वालों को दस्त लगवा दिए हैं व सारा देश एक नए बदलाव की आशा रखने लगा है।
मुझे विश्वास है कि विदेशी बैंकों में पड़े काले धन के खुलासों के बाद देश में जबरदस्त सियासी भूकंप आएगा जो देश को नई दिशा की तरफ ले जाने वाला साबित होगा। पिछले दिनों एक मेल प्रचुर संख्या में वितरित हुई जिसमें ये गणना थी कि यदि देश के भ्रष्ट नेताओं,अफ्सरों व उद्योगपतियों का विदेशी बैंकों में जमा काला धन देश में आ जाए तो तीस साल तक बिना किसी टेक्स के देश को चलाया जा सकता है। एक भी आदमी बेघर नहीं रहेगा। मैडीकल,शिक्षा सभी को मुफ्त में दी जा सकेगी। वो मेल संदेश एक सपने जैसा था। जूलियन असांजे द्वारा किया जाने वाला पर्दाफाश चाहे इस सपने को सच न भी कर सके पर देश को लूटने वाले चेहरे बेनकाब जरूर होंगे जिसका हमें बड़ी बेसब्री से इंतजार रहेगा।
No comments:
Post a Comment