बाड़मेर: अस्सी वर्ष की श्रीमती एजी देवी बाड़मेर के कलेक्टर गौरव गोयल की एहसानमंद हैं, जिनकी बदौलत उम्र के इस पडाव में महज दो रोटी के लिए मोहताज होने के बाद उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल गया। यह सब कुछ हुआ कलेक्टर गोयल के निर्देषों पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के तहत की गई त्वरित कार्यवाही की बदौलत।
अधिनियम के तहत ससम्मान वृद्धा का भरण पोषण करने तथा दस हजार रुपए तक की राशि प्रतिमाह देने के निर्णय के बाद एजी देवी के पुत्र रतनलाल तथा पुत्रवधु सुमित्रा देवी ने गुरूवार को जिला कलेक्टर की मौजुदगी में अपनी गलती का एहसास करते हुए उनसे माफी मांगी और अपने घर ले गए तथा भविष्य में उन्हें सम्मान के साथ रखने का वादा किया।
प्रकरण के अनुसार, श्रीमती एजी देवी, पत्नी रिखबदास जैन, निवासी तेलियों का वास, बाड़मेर ने जिला कलेक्टर के समक्ष एक प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया था कि उसकी उम्र 80 वर्ष की है और वह एक विधवा औरत है। उसके पुत्र व पुत्रवधु दोनों ही उसके साथ क्रुरतापूर्ण व्यवहार करते हैं तथा उसे भोजन नहीं देते है। वर्तमान में तो उसे घर से बिलकुल ही निकाल दिया है। प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया था कि उसके नाम का एक पक्का मकान एवं एक प्लॉट आया हुआ है, मकान का किराया भी उसका पुत्र लेता है। उसके पुत्र व उसकी पुत्रवधु उसे मर जाने के लिए विवश कर रहे हैं। वर्तमान में वह दर-दर की ठोकरे खा रही है और मांग कर अपना भरण-पोषण कर रही है। एजी देवी ने अपना भरण-पोषण करवाने एवं पुत्र व पुत्रवधु के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निवेदन किया था।
उक्त प्रार्थना पत्र पर जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उसे बाड़मेर के उपखण्ड मजिस्ट्रेट मिठूसिंह को भिजवाया। उक्त प्रकरण में प्रार्थी एवं उसके पुत्र व पुत्रवधु को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस भेजा गया। प्रार्थी के कथन के संबंध में प्रतिवादी पक्ष यानि रतनलाल न्यायालय मे उपस्थित हुआ। उसे अपनी माता का भरण-पोषण करने एवं उसके साथ सद्भावनापूर्ण व्यवहार करने हेतु समझाइश की गई ।
गोयल ने बताया कि प्रार्थी का प्रार्थना पत्र माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम के अन्तर्गत स्वीकार किया गया है तथा विरोधी पक्षकार रतनलाल को निर्देश दिया गया है कि वह अपनी माता के भरण-पोषण हेतु अधिकतम रुपए दस हजार की राशि अपनी माता श्रीमती एजी देवी को प्रतिमाह देगा। साथ ही, रतनलाल व उसकी पत्नी श्रीमती सुमित्रादेवी को पाबन्द किया गया कि वे अपनी माता/सास के साथ सद्भावनापूर्ण व्यवहार करेंगे। रतन लाल अपनी माता को उसके रहवासी मकान में रहने के दौरान आनाकानी नहीं करेंगे एवं सम्मानपूर्ण स्थान भी देंगे, जिसके लिए रतनलाल एवं श्रीमती सुमित्रादेवी को भरण-पोषण अधिनियम के अन्तर्गत निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली बाड़मेर को आदेश दिया गया है कि वे श्रीमती एजी देवी को तेलियों का वास बाड़मेर मे स्थित उनके रहवासी मकान में रहने हेतु आवश्यक कार्यवाही कर न्यायालय को अवगत कराएं तथा प्रार्थी के भरण-पोषण के संबंध मे समय-समय पर आवश्यक निगरानी की भी व्यवस्था करें
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