भारतीय तीरंदाजी के इतिहास में वर्ष 2010 की जब-जब चर्चा होगी। इसे देश के रिकर्व तीरंदाजों दीपिका कुमारी और राहुल बनर्जी और तरुणदीप राय के स्वर्णिम प्रदर्शनों के लिए याद किया जाएगा। महिला तीरंदाजी में रांची की सोलह वर्षीय दीपिका इस वर्ष जहां धूमकेतू सी चमकी वहीं स्टार खिलाड़ी डोला बनर्जी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकीं।
वर्ष का सबसे शानदार प्रदर्शन दिल्ली में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों में रहा जहां राहुल और दीपिका ने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते बल्कि दीपिका ने महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। पुरुष रिकर्व टीम ने भी प्रतियोगिता का कांस्य जीता था। पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीनियर मुकाबले खेलने उतरी दीपिका ने वर्ष में दो व्यक्तिगत और दो टीम स्वर्ण जीते। राहुल ने एक व्यक्तिगत और दो टीम जबकि तरुणदीप ने दो व्यक्तिगत और एक टीम स्वर्ण जीते।
हालांकि 28 साल के अंतराल के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल इस खेल में भारत का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा और उसे दांव पर लगे आठ में से केवल तीन स्वर्ण हाथ लग सके। फिर भी, इन तीन स्वर्ण के साथ उसे एक रजत और चार कांस्य मिलाकर कुल आठ पदक हासिल हुए।
दीपिका ने व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा और राहुल ने इसी स्पर्धा के पुरुष वर्ग में सोना जीता। इन खेलों में दो स्वर्ण और दो कांस्य महिलाओं के नाम रहे। दीपिका, डोला और बोम्बालया देवी की रिकर्व टीम ने स्वर्ण जीता वहीं राहुल, जयंत तालुकदार और तरुणदीप राय की पुरुष रिकर्व टीम ने कांस्य जीता था।
No comments:
Post a Comment